हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के पीएचडी छात्र रोहित वेमुला ने रविवार रात फांसी लगाकर ख़ुदक़ुशी कर ली... जिस पर सेक्युलर बुद्धिजीवी , वामपंथी तमाम लश्कर ए मीडिया के दलाल छाती पिट - पिट कर मातम मना रहे हैं....
पता हैं हैदराबाद युनिवर्सिटी के उन 5 विद्यार्थीओं को होस्टल से निलंबित क्यों किया था ?
उन 5 दलित विद्यार्थीओं ने आतंकी याकूब मेमन के फांसी के विरोध में कैंपस के अंदर आंदोलन किया था ... बडे बडे पोस्टर पर लिखा था , घर घर से तयार होंगे और याकूब मेमन .
जिनमे आत्महत्या करने वाला छात्र रोहित वेमुला हैदराबाद युनिवर्सिटी में पढ़ता था .. जहाँ वामपंथी और मुस्लिम नेताओ ने दलित छात्रों को अपनी राजनितिक रोटी सेकने का एक माध्यम बना रखा हैं ..
रोहित वेमुला हैदराबाद युनिवर्सिटी में गौमांस भोज आयोजन करने के सबसे आगे था ..जबकि गौमांस भोज के पीछे दिमाग ओबैसी का था ..
फिर इसने मुंबई ब्लास्ट के खूंखार आतंकी याकूब मेमन को फांसी देने का खूब जोर शोर से विरोध किया .. और फांसी के बाद इसने अपने होस्टल के कमरे को "याकूब मेमोरियल हाल" बनाकर पेश किया .. और लोगो को याकूब को श्रधान्जली देने के लिए अपने कमरे में बुलाता था ...
इसके सगठन "अम्बेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन" ने मुस्लिम संगठनो के साथ मिलकर याकूब की फांसी के विरोध में एक डाक्यूमेंट्री "मुजफ्फरनगर बाकी है " बनाई इस डाक्यूमेंट्री में मुस्लिमो को हिन्दुओ पर हमले करने के लिए उकसाया गया था ..
अम्बेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन के ऐसे कार्यो का जब एबीवीपी और पुलिस ने भी विरोध किया ..तब युनिवर्सिटी प्रसाशन ने छात्रों को तीन बार चेतावनी दी ..और उनके अभिभावकों को पत्र लिखकर चेतावनी दिया गया की आपका बच्चा पढाई में नही बल्कि नेतागिरी और राष्ट्रविरोधी कार्यो में लिप्त रहता है .. फिर भी जब सुधार नही हुआ तब पांच छात्रों को होस्टल से निकाल दिया गया ...
रोहित इतने प्रतिभाशाली थे कि, अपने ४०-५० साथियों के साथ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (ABVP) समर्थक छात्रो को भी पीटा था...
उसके इन्ही सब टैलेंट को देखते हुए उसे हॉस्टल से निलंबित किया गया, जो बहुत नार्मल सी कार्यवाही है.....
खैर आज रोहित जैसे युवा अपने आदर्श कलाम, विवेकानंद, ओशो को न बनाकर याक़ूब मेमन, दाऊद आदि को बना रहे हैं...... ISIS, अलक़ायदा जैसे संगठन ऐसे ही युवाओं के जरिये आतंकवाद फैलाते हैं भारत में भी यही हो रहा है।
राजनीति में छात्र जीवन से ही सक्रिय होना अच्छा है पर राजनीति देश हित के लिए होनी चाहिए देश के विनाश के लिए नहीं..............
एक युवा छात्र के इस तरह मौत से सबको दुःख है .. लेकिन आखिर इसके पीछे जिम्मेदारी किसकी है ???
नोट - रोहित वामुला का लिखे सुसाइड लेटर लिंक -http://goo.gl/nM4CbH
पता हैं हैदराबाद युनिवर्सिटी के उन 5 विद्यार्थीओं को होस्टल से निलंबित क्यों किया था ?
उन 5 दलित विद्यार्थीओं ने आतंकी याकूब मेमन के फांसी के विरोध में कैंपस के अंदर आंदोलन किया था ... बडे बडे पोस्टर पर लिखा था , घर घर से तयार होंगे और याकूब मेमन .
जिनमे आत्महत्या करने वाला छात्र रोहित वेमुला हैदराबाद युनिवर्सिटी में पढ़ता था .. जहाँ वामपंथी और मुस्लिम नेताओ ने दलित छात्रों को अपनी राजनितिक रोटी सेकने का एक माध्यम बना रखा हैं ..
रोहित वेमुला हैदराबाद युनिवर्सिटी में गौमांस भोज आयोजन करने के सबसे आगे था ..जबकि गौमांस भोज के पीछे दिमाग ओबैसी का था ..
फिर इसने मुंबई ब्लास्ट के खूंखार आतंकी याकूब मेमन को फांसी देने का खूब जोर शोर से विरोध किया .. और फांसी के बाद इसने अपने होस्टल के कमरे को "याकूब मेमोरियल हाल" बनाकर पेश किया .. और लोगो को याकूब को श्रधान्जली देने के लिए अपने कमरे में बुलाता था ...
इसके सगठन "अम्बेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन" ने मुस्लिम संगठनो के साथ मिलकर याकूब की फांसी के विरोध में एक डाक्यूमेंट्री "मुजफ्फरनगर बाकी है " बनाई इस डाक्यूमेंट्री में मुस्लिमो को हिन्दुओ पर हमले करने के लिए उकसाया गया था ..
अम्बेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन के ऐसे कार्यो का जब एबीवीपी और पुलिस ने भी विरोध किया ..तब युनिवर्सिटी प्रसाशन ने छात्रों को तीन बार चेतावनी दी ..और उनके अभिभावकों को पत्र लिखकर चेतावनी दिया गया की आपका बच्चा पढाई में नही बल्कि नेतागिरी और राष्ट्रविरोधी कार्यो में लिप्त रहता है .. फिर भी जब सुधार नही हुआ तब पांच छात्रों को होस्टल से निकाल दिया गया ...
रोहित इतने प्रतिभाशाली थे कि, अपने ४०-५० साथियों के साथ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (ABVP) समर्थक छात्रो को भी पीटा था...
उसके इन्ही सब टैलेंट को देखते हुए उसे हॉस्टल से निलंबित किया गया, जो बहुत नार्मल सी कार्यवाही है.....
खैर आज रोहित जैसे युवा अपने आदर्श कलाम, विवेकानंद, ओशो को न बनाकर याक़ूब मेमन, दाऊद आदि को बना रहे हैं...... ISIS, अलक़ायदा जैसे संगठन ऐसे ही युवाओं के जरिये आतंकवाद फैलाते हैं भारत में भी यही हो रहा है।
राजनीति में छात्र जीवन से ही सक्रिय होना अच्छा है पर राजनीति देश हित के लिए होनी चाहिए देश के विनाश के लिए नहीं..............
एक युवा छात्र के इस तरह मौत से सबको दुःख है .. लेकिन आखिर इसके पीछे जिम्मेदारी किसकी है ???
नोट - रोहित वामुला का लिखे सुसाइड लेटर लिंक -http://goo.gl/nM4CbH
Safed jhuth bbc ki koi link open nahi ho rahi. Kyun ki wo url hi fake hai, jaise ki aap fake evm bike hue hain.
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